-
Hindi Poetry: Bhg Ja: Childish Poem: ramtajogi. co. in
Bhg Ja
मेरी किसी कहानी के
कोई किस्से में,
अगर किन्हीं पन्नों के बीच,
तुम्हें तुम जैसा कोई किरदार,
नजर आए,
मगर,
यकीन ना हो पाए,
की वो तुम ही हो या नहीं,
तो पन्नों को आगे पीछे ,
टटोल मटोल कर देखना,
अगर कहीं
किसी कोने में ,
“भग जा”
लिखा नजर है आए,
तो खुदके चहरे की
हसीं देख,
समज जाना,
तुम ही हो।Written by @ramtajogi
Image courtesy: Freepik
For more such poems, visit Ramta Jogi Poetry
-
Hindi Poetry: Ishq Be-parwah: ramtajogi.co.in
Ishq Be-parwah
प्यार खुल कर वो दिखाता नहीं है,
और अपने अंदर छुपाता भी नहीं हैशायरी लिख, करता है तारीफ मेरी,
आंखों से मगर जता ता भी नहीं है।बिन मौसम बारिश सा है, महबूब मेरा,
धूप में बरसता है, भिगाता भी नहीं है ।खयाल में हूं में उसके,
ये तो मालूम हैं मुझे,इश्क को ख्याल में ही रखता है,
हकीकत में लाता भी नहीं है ।प्यार खुल कर वो दिखाता नहीं है,
और अपने अंदर छुपाता भी नहीं हैWritten by @ramtajogi
For quotes, please visit Ramta Jogi Quotes
For articles, please visit, Ramta Jogi Blogs
Image courtesy: Dreamstime
-
Unrequited Love l Hindi Poem l ramtajogi.co.in
Hindi Poetry l Unrequited Love l ramtajogi.co.in
चल किसी कहानी का
एक पन्ना लिखते हैं
और उसे वहीं,
उस पन्ने की
आखिरी लकीर पर
लाकर,
अधूरा,
खुला
छोड़ देते हैं ।जो उसे
जब पढ़ेगा,
उस कहानी को ,
अपनी जबान में,
अपनी सोच से,
अपने आप जैसी बना लेगा,
और खुश रहेगा ।@ramtajogi
For more poems, visit Ramta Jogi
Image courtesy: Istock Photo
-
The relationship in the times of Social Media: Hindi Poetry: ramtajogi.co.in
The relationship in the times of Social Media
वो एक घर के,
दो कमरों में,
दो चेहरों की आंखों में,
झलक रही है ,
फोन की स्क्रीन,
की जिसमे चल रहा है,
एक नाटक,
जो की तुमको,
तुम्हारी ही कहानी से,
दूर लेके कहीं जा रहा है।की जिसमे भ्रम दिखाया जा रहा है,
की है ये दुनिया खुश बहोत,की जिसमे दर्द बांटा जा रहा है ,
की है ये सब विनाश की और,वो दो चेहरे,
हर दर्द की खबर को नकार के,
उसे अफवाह मान, स्वीकार के,
उन खुश चेहरों में अपनी नाकामी ढूंढते है ,
“लाइक” कर उन तस्वीरों को,
खुद को ” अनलाइक” करते घूमते है ,इस फोन की दुनिया से लौटेकर जब,
वो हकीकत में आते है,
थकी इन आंखों को आराम देने,
फिर आंखें मूंद सो जाते है,
इसी बहाने,
एक भ्रम से दूजे सपने में
वो दोनो चेहरे खो जाते है,वो एक कमरे के दो चेहरे,
एक दूजे को देखना,कहीं भूल गए हैं।
For more such works, follow Ramta Jogi
Picture courtesy : Adobe Stock
Social Media
-
Hindi Poetry: Ghar l घर l ramtajogi
Hindi Poetry: Ghar l घर l ramtajogi
वो किवाड़ों पर रंग अब नया है,
खिड़कियों में कुंडी भी लग गई।
बगीचे में बो दिए है बीज आम के,
वो खंडर सी जो थी दीवारें,
वो भी अब सज गई ।वो गांव का घर अब रहने को तैयार है ,
मगर उसमे रहने वाला नहीं रहा ।उस घर को अब जरूरत है लोगों की,
मगर उस घर की जरूरत अब रहीं कहां?Written by @ramtajogi
For more such content, scroll through Ramta Jogi
Image courtesy Art Station