• Best Friends
    POETRY

    Shart: Bond between Best Friends: Hindi Poetry

    Shart: Bond between Best Friends: Hindi Poetry

    तुम बताना मुझे, कितने दफे तुम हुए नाराज़ ,मगर दिखाया नहीं।
    दोस्ती को देकर अहमियत, कुछ जताया नहीं ।
    मैं सुनाऊंगा तुम्हें, कैसे बीते वो दिन जब तुम दिखे नहीं,
    और वो दिन भी,
    जब तुम दिखे सही, मगर रहे चेहरे फीके कहीं ।

    तुम मुझे बताना, मेरे पीछे से हुई कितनी बार तुम्हें मेरी फिक्र,
    में सुनाऊंगा तुम्हारे बिन हुए तुम्हारे कितने जिक्र ।

    तुम मुझे बताना की और दोस्तों के संग,
    जब हुई तुम्हें महसूस कमी मेरी,
    में सुनाऊंगा तुम्हारे पीछे से लिखी गई,
    तुम पर ही शेर ओ शायरी मेरी

    तुम बताना की झगड़े के बाद कितनी बार,
    नौकरी छोड़ने का खयाल आया ।
    मैं तुम्हें सुनाऊंगा की नौकरी छोड़ने की सोच कर,
    कितनी बार तुम्हारा खयाल आया।

    ये सुन, हम थम जायेंगे,
    आगे कुछ न जताएंगे,
    और
    एक एक गरम चाय
    एक दूजे को पिलाएंगे।

    For more such content, Ramta Jogi

    Image Courtesy: Alamy

    Comments Off on Shart: Bond between Best Friends: Hindi Poetry
  • Amrita Pritam aur Tum Image Courtesy: Artykite
    POETRY

    Amrita Pritam aur Tum: Self Love: Hindi Poetry

    Amrita Pritam aur Tum: Self Love: Hindi Poetry

    जब दिन थका हो और रातें सहमी हो
    सुस्त सा हो मौसम और अंदर बेचैनी हो,
    अंधेरा जब अक्स छुपाए
    आईना कोई छवि न दिखाए,

    तब बिस्तर के बगल में रखा,
    वो लैंप जला लेना,
    जिसपर लगी अमृता प्रीतम की तस्वीर,
    बगल में रखी फोटो फ्रेम पर एक रोशनी डालेगी,
    जिसपर, अल्फाज़ ऐ जोगी लिखा होगा ।
    अमृता की रोशनी में जब,
    तुम उस तस्वीर के शब्दों में खुद को पढ़ोगी
    तो जान जाओगी की ,
    तुम हो कौन।

    For more such content, visit Ramta Jogi Poetry

    Image Courtesy: Artykite

    Comments Off on Amrita Pritam aur Tum: Self Love: Hindi Poetry
  • get-together by https://stock.adobe.com/
    POETRY

    Hindi Poetry – ये शाम मस्तानी – An Evening to Remember l Nostalgia l Memories l Love

    ये शाम मस्तानी – An Evening to Remember l Nostalgia l Memories

    वो मद्धम सी रोशनी से,
    सजी सर्द सांजे,
    वो घरौंदे में अपने,
    एक महफिल सजाना,

    वो अलाव के चारों ओर,
    जाम थामे,
    वो रंगीन चिरागों का,
    झूमर लगाना,
    वो अपनों का अपनों के,
    करीब आकर,
    वो गिले शिकवों को याद कराना,
    फिर, ढलते सूरज की तरह, जसबात ढालके

    भूलाने के उनको, वो वादे करना,
    बीत गया एक अरसा,
    जो बिन मिले,
    उस अरसे को,
    कुछ घंटों में,
    फिर हासिल करना,

    लगें है सब,
    दिल के प्यालों को भरने,
    अपनी यादों को,
    जाम से बयान करने,

    वो छठ पर बैठे,
    मोर का कुहकना,
    वो धीमी सी धुन पर,
    कोई गीत बजाना,

    वो सुनाऊं मैं तुमको,
    अपनी कोई शायरी,
    सुनके उसे तुम,
    मेरा कोई शेर गुन गुनाना,
    क्या चाइए हमे इस से बेहतर कोई शामें,
    जहां हम तुम,
    यूंही,
    एक गजल हो जाएं ।

    By Ramta Jogi

    Image Courtesy: Stock Photos

    Comments Off on Hindi Poetry – ये शाम मस्तानी – An Evening to Remember l Nostalgia l Memories l Love
  • Pic Courtesy: Google Saas- Bahu
    POETRY

    Hindi Poetry l Saas- Bahu l सास बहू l Relationship

    सास बहू

    घर है मांझी, मंजिल किनारा,
    सास बहू , वो नाव, पतवार,
    कैसे पहुंचे वो मांझी, किनारे,
    नाव पतवार पर सब दारमदार ।

    मां की छाया, ढूंढे सास में,
    मां की डांट, मगर ना कड़वी लगे,
    सास जो अपनाए, सख्ती थोड़ी,
    वो मां जैसी, उसे ना अपनी लगे।

    बिटिया बुलाए, वो सास बहू को,
    बिटिया की याद मगर वो दिलाए नहीं ।
    जननी जिसकी वो सास, उसकी कई गलतियां माफ़,
    बहु की अक्सर वो ४ गलतियां भी चलाए नहीं ।

    खुश हो दिल से, वो सास बहू से,
    चेहरे पर वो खुशी, नजर आए नहीं ।
    बहू ढूंढे अपनापन शब्दों में,
    वो सास का प्यार, उसे समझाए नहीं ।

    माने मां सी, वो बहू सास को,
    बिटिया सी वो टोके,
    “बहू ने टोका तो टोका केसे?”
    मां में सास वो फिर लौट आए ।

    एक थाली में सजी हुई,
    ये एक चमच और कटोरी है,
    खनके तो शोर करे ये,
    मगर अक्सर परोसे ये खीर पूरी है,
    बिखरे नहीं उस थाली में कुछ,
    इस लिए, इनका संग होना जरूरी है ।

    सास बहू का अपना होना,
    सास बहू का सपना है,
    जो मानो तो ये अपना है,
    ना मानो तो ये सपना है ।

    Written by @ramtajogi

    Image Courtesy: Hindustan Times

    Comments Off on Hindi Poetry l Saas- Bahu l सास बहू l Relationship
  • Hindi Poem- The pinnacle of friendship -https://www.animeimpulse.com/blog/2018/10/2/top-20-best-anime-featuring-best-friends-that-are-a-boy-and-a-girl
    POETRY

    Hindi Poem – दोस्ती | The pinnacle of Friendship

    Hindi Poem – दोस्ती | The pinnacle of Friendship

    मुझसे खफा तो होती है वो अक्सर,
    दिखाती आंखों से, मगर
    ज़बान तक लाती नहीं ।

    हक से निभाती है साथ वो,
    लफ्जों से कभी बताती नहीं ।

    परिवार सा रखती है ध्यान,
    अकेले पड़ जाऊं कभी तो,
    और भीड़ में शरारत भी करती है ऐसे,
    की कमी दुश्मनों की दिलाती नहीं ।

    रिश्तों का परिमाण है वो,
    उस से बेहतर दोस्ती,
    मैंने मापी नहीं ।

    Written by @ramtajogi

    For more such works, follow Ramta Jogi

    Image Courtesy: Anime

    #Friends, #Friendship

    Comments Off on Hindi Poem – दोस्ती | The pinnacle of Friendship
Follow us

Subscribe