Hindi Poetry: Ishq aur Waqt
Ishq aur Waqt
चल इश्क को एक मौका देते हैं,
होने का,
उसे दिन भर की बातें बताने में,
बांधते नहीं है,
उसे देर रात तक,
जगा कर नहीं रखते,
बे वजह,
उसे सोने देते हैं,
क्या पता,
सपनों में,
ये इश्क और ज्यादा,
सुंदर दिखे ।
चल इश्क को एक मौका देते हैं,
होने का,
इसे मिलने की वजह नहीं बनाते,
इसे खुशी का जरिया नहीं बताते ,
लोगों की बातों से दूर रखते हैं इसे,
इसे चर्चा का विषय नहीं बनाते,
महफूज रखते हैं इसे,
अपने अंदर कहीं,
जैसे हकीकत रखती है,
सपनों को l
चल इश्क को एक मौका देते हैं,
होने का,
इसे हर एक पल में जीते हैं,
हसी में तोलते हैं,
रिश्तों की बातें न कर के,
समय के दायरे में न बांध कर,
इसे जसबातों में मोलते हैं,
क्या पता,
कभीं कहीं,
किसी मोड़ पर,
ये जज़्बात ही ,
साथ जीने की,
वजह बन जाए ।
चल इश्क को एक मौका देते हैं,
होने का,
Ishq aur Waqt – Written by @ramtajogi
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