Hindi Poetry: Bhg Ja: Childish Poem: ramtajogi. co. in
Bhg Ja
मेरी किसी कहानी के
कोई किस्से में,
अगर किन्हीं पन्नों के बीच,
तुम्हें तुम जैसा कोई किरदार,
नजर आए,
मगर,
यकीन ना हो पाए,
की वो तुम ही हो या नहीं,
तो पन्नों को आगे पीछे ,
टटोल मटोल कर देखना,
अगर कहीं
किसी कोने में ,
“भग जा”
लिखा नजर है आए,
तो खुदके चहरे की
हसीं देख,
समज जाना,
तुम ही हो।
Written by @ramtajogi
Image courtesy: Freepik
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