Shart: Bond between Best Friends: Hindi Poetry
Shart: Bond between Best Friends: Hindi Poetry
तुम बताना मुझे, कितने दफे तुम हुए नाराज़ ,मगर दिखाया नहीं।
दोस्ती को देकर अहमियत, कुछ जताया नहीं ।
मैं सुनाऊंगा तुम्हें, कैसे बीते वो दिन जब तुम दिखे नहीं,
और वो दिन भी,
जब तुम दिखे सही, मगर रहे चेहरे फीके कहीं ।
तुम मुझे बताना, मेरे पीछे से हुई कितनी बार तुम्हें मेरी फिक्र,
में सुनाऊंगा तुम्हारे बिन हुए तुम्हारे कितने जिक्र ।
तुम मुझे बताना की और दोस्तों के संग,
जब हुई तुम्हें महसूस कमी मेरी,
में सुनाऊंगा तुम्हारे पीछे से लिखी गई,
तुम पर ही शेर ओ शायरी मेरी
तुम बताना की झगड़े के बाद कितनी बार,
नौकरी छोड़ने का खयाल आया ।
मैं तुम्हें सुनाऊंगा की नौकरी छोड़ने की सोच कर,
कितनी बार तुम्हारा खयाल आया।
ये सुन, हम थम जायेंगे,
आगे कुछ न जताएंगे,
और
एक एक गरम चाय
एक दूजे को पिलाएंगे।
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Image Courtesy: Alamy