Hindi Poetry: Aakhein aur Kitaab (Literature and Love): ramtajogi.co.in
Aakhein aur Kitaab (Literature and Love)
जो झुके वो नजर,
तो हया की शायरी कहे,
जो उठे,
तो वो खुदा की गजल बन जाए ।
जो हस पड़ें वो नजरें कहीं,
तो खुशी के कसीदे सुनाए,
और जो रो पड़े,
तो वो इश्क का शेर बन जाए ।
हर एक अदा,
उसकी आंखों की,
एक कहानी सी कहती है,
उसके आशिक ने सच ही कहा था,
उसकी आंखें,
किताब सी है ।
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Picture Courtesy: MarvelOptics