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POETRY

KAHANIYAAN

Hindi Poem KAHANIYAAN by Ramta Jogi:

वो शब्दों की जुस्तजू
वो असमंजस में पल रहे स्वप्न
वो कलम एक चहीती सी ,
वो खाली पन्नो से जंग
वो किरदार अनेक
उनके किस्से अनंत
चलते गिरते संभलते वो
अपने ख्यालों में जीते मरते वो
हर किरदार एक मोती है , मेरी डोर का
एक मोती को दुझे मोती से जोड़कर ,
एक माला सजाता हूँ में
भांत भांत के है ये मोती ,
अक्सर एक दुझे से मिलकर खिल जाते है ,
और कभी बेरुखी भरे चेहरों से इनकी चमक घट जाती है
हर मोती की एक अलग चाह है, एक अलग राह है ,
एक सोच है
एक माला में बंध कर ,
ये मोती दुझे मोतियों के संग,
अपना किरदार निभा रहा है .
मेरी कहानियों में वो अपनी कहानी बना रहा है

रमता जोगी

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